गणेश जी ने विष्णु जी का शंख चुराया

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गणेश जी ने चुराया विष्णु जी का शंख

यह एक अद्भुत कहानी है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे भगवान विष्णु को भी भगवान गणेश की हरकतों के आगे झुकना पड़ा।

गणेश जी ने विष्णु जी का शंख चुराया

विष्णु जी का शंख और गणेश

गणेश और विष्णु

विष्णु जी अपने साथ एक शंख रखने के लिए जाने जाते है  जिसे वे हर समय अपने पास रखते थे। एक दिन उसने देखा कि शंख गायब था और वह कहीं नहीं मिला। इससे भगवान विष्णु बहुत नाराज हो गए और उसने अपनी सारी शक्ति शंख को खोजने में लगा दी।

जैसे ही शंख की खोज चल रही थी, भगवान विष्णु को अचानक दूर से शंख की आवाज सुनाई देने लगी। उन्होंने उस दिशा में उसे खोजना शुरू किया और जल्द ही महसूस किया कि आवाज कैलाश पर्वत से ही आ रही है। जैसे ही भगवान विष्णु कैलाश पहुँचे, उसने पाया कि भगवान गणेश ने शंख लिया था और वह उसे फूंकने में व्यस्त थे । यह जानते हुए कि भगवान गणेश आसानी से पीछे नहीं हटेंगे, विष्णु जी ने शिव की तलाश की और उनसे शंख वापस करने के लिए गणेश से अनुरोध करने को कहा।

शिव और विष्णु

शिव ने कहा कि उनके पास भी गणेश की इच्छाओं की कोई शक्ति नहीं है और उन्हें प्रसन्न करने का एकमात्र तरीका उनके लिए पूजा करना है। तो, भगवान विष्णु ने ऐसा किया। उन्होंने पूजा के लिए सभी आवश्यक तत्वों को स्थापित किया और गणेश जी की हृदय से पूजा की। यह देखकर गणेश अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने विष्णु का शंख उन्हें वापस कर दिया।

कहानी काफी दिलचस्प तरीके से भगवान गणेश और उनकी हरकतों के मजेदार पक्ष का खुलासा करती है। इसके अलावा, यह हमें यह दिखाते हुए विनम्रता के बारे में सिखाता है कि कैसे विष्णु जैसे महान भगवान, गणेश की पूजा करने में संकोच नहीं करते थे।